जमीन, मकान, प्लॉट की रजिस्ट्री (Property Registration) के धोखे से बचने के लिए जान लो ये बातें !

जमीन, मकान, प्लॉट की रजिस्ट्री (Property Registration) के धोखे से बचने के लिए जान लो ये बातें !

भूमि और संपत्ति की खरीदारी हमेशा एक बड़ी निवेश प्रक्रिया होती है, और इस दौरान धोखाधड़ी से बचना सबसे महत्वपूर्ण होता है। यदि आप अपनी प्रॉपर्टी खरीदने का विचार कर रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि उस संपत्ति की रजिस्ट्री सही और कानूनी तरीके से हुई हो। अक्सर संपत्ति के लेन-देन में धोखाधड़ी के मामले सामने आते हैं, जिसमें बेजा कब्जा, फर्जी दस्तावेज़ और भूमि विवाद होते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाकर धोखाधड़ी से बचें। इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि जमीन, मकान या प्लॉट की रजिस्ट्री से जुड़ी धोखाधड़ी से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

1. सर्वप्रथम अपने प्रॉपर्टी डीलर से प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री अवश्य मंगवाएं और जांचें

जब भी आप किसी प्रॉपर्टी को खरीदने का निर्णय लें, तो सबसे पहला कदम यह है कि आप उस संपत्ति की रजिस्ट्री के बारे में जानकारी प्राप्त करें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि संपत्ति का मालिकाना हक सही है, आपको प्रॉपर्टी डीलर से रजिस्ट्री की कॉपी अवश्य मंगवानी चाहिए। इसके बाद रजिस्ट्री के दस्तावेज़ की जांच करें कि उसमें कोई गड़बड़ी तो नहीं है। यदि आपको इसमें किसी प्रकार का संदेह हो, तो एक कानूनी विशेषज्ञ से सलाह लें। प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री यह सुनिश्चित करती है कि भूमि का स्वामित्व पूरी तरह से साफ और कानूनी तरीके से हुआ है।

2. प्रॉपर्टी डीलर से खतौनी जांचने को कहें

खतौनी (Record of Rights) एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ होता है, जो भूमि के मालिक का अधिकार और स्वामित्व प्रदर्शित करता है। यदि आप एक प्लॉट या जमीन खरीद रहे हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप प्रॉपर्टी डीलर से खतौनी की भी जांच करें। खतौनी में भूमि की वर्तमान स्थिति, मालिक का नाम और भूमि के प्रति सभी कानूनी अधिकार होते हैं। यदि खतौनी में कोई विवाद है या भूमि किसी अन्य व्यक्ति के नाम है, तो यह समस्या उत्पन्न कर सकता है। इसलिए खतौनी की जांच अवश्य करें और यह सुनिश्चित करें कि उस पर कोई कानूनी अड़चन न हो।

3. प्रॉपर्टी खरीदते समय टोकन राशि देने से पूर्व विक्रेता की जांच अवश्य करें

प्रॉपर्टी खरीदने से पहले अक्सर हम विक्रेता को एक टोकन राशि दे देते हैं ताकि वह हमें संपत्ति का हस्तांतरण सुनिश्चित कर सके। हालांकि, टोकन राशि देने से पहले विक्रेता का पूरा बैकग्राउंड चेक करना बहुत ज़रूरी है। आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विक्रेता का नाम और पहचान सही है और उसके पास संपत्ति के स्वामित्व के सभी कानूनी दस्तावेज़ मौजूद हैं। इसके अलावा, यह भी जांचें कि विक्रेता पर कोई कानूनी मामला तो नहीं चल रहा है या वह किसी अन्य व्यक्ति से संपत्ति का दावा तो नहीं कर रहा है।

4. प्रॉपर्टी साफ-सुथरी, बंधक या लोन पर तो नहीं है अवश्य जांच करें

कई बार, प्रॉपर्टी को खरीदने के बाद पता चलता है कि वह किसी बैंक या वित्तीय संस्था के पास बंधक के रूप में है। इसका मतलब है कि विक्रेता ने उस संपत्ति पर लोन लिया हुआ है और वह लोन चुकता करने में असमर्थ हो सकता है। इसके कारण आपको संपत्ति पर कब्जा मिलने में मुश्किल हो सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि आप संपत्ति की बंधक स्थिति की जांच करें। यह जानकारी आप भूमि रजिस्ट्री ऑफिस से प्राप्त कर सकते हैं, जहां से आपको यह पता चलेगा कि संपत्ति पर कोई लोन तो नहीं है या वह बैंक के पास बंधक तो नहीं है।

निष्कर्ष

संपत्ति की खरीदारी करते समय आपको सभी कानूनी पहलुओं की सही जानकारी होना बेहद महत्वपूर्ण है। रजिस्ट्री, खतौनी, विक्रेता की जांच और संपत्ति का बंधक स्थिति जानने से आप धोखाधड़ी से बच सकते हैं। अगर आप इन बुनियादी कदमों का पालन करते हैं, तो आपको अपनी प्रॉपर्टी में कोई समस्या नहीं होगी और आप एक सुरक्षित निवेश कर पाएंगे। हमेशा कानूनी विशेषज्ञों से मार्गदर्शन लें और प्रॉपर्टी के हर दस्तावेज़ की सही जांच करें ताकि आप किसी भी प्रकार के धोखे से बच सकें।

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